शक्तिशाली गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय (Gayatri Mantra Ke 13 Gupt Upay)
हिन्दू धर्म में माँ गायत्री को वेदमाता के रूप में जाना जाता है, इन्हे ब्रह्म शक्ति का स्त्री रूप भी माना जाता है। गायत्री मंत्र की महिमा से सभी परिचित होंगे, क्यूंकी यह सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इसके जाप से जीवन में बहुत से अच्छे परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
गायत्री मंत्र को कई ऋषियों ने सिद्ध करके अपने मनोरथ सिद्ध किए हैं, आज के समय में भी गायत्री मंत्र उतना ही प्रभावशाली है। इसका जाप करने से पूर्व शाप विमोचन करना भी अनिवार्य हो जाता है, साथ ही गायत्री मंत्र के कुछ उपाय भी हैं, जिनसे व्यक्ति असाध्य रोग, कष्ट, संकट से छुटकारा व ग्रह दशा प्रभावहीन कर सकता है।
गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय
- यदि व्यक्ति किसी महान प्राण संकट में हो, तो व्यक्ति को नदी के जल में कंठ तक पानी में खड़े होकर गायत्री मंत्र के 108 बार नियमित पाठ से प्राण संकट टल जाता है।
- प्रेत बाधा, भूत बाधा, नजर व टोटके से पीड़ित व्यक्ति को, 108 गायत्री मंत्र पढ़कर फूँक मारे हुये जल के सेवन से छुटकारा मिल जाता है।
- कोई व्यक्ति यदि अग्निदोष या शत्रु दोष से पीड़ित या भयभीत है तो इस अवस्था में नियमित रूप से गायत्री मंत्र का 108 बार पाठ करके मिट्टी का ठेला उस दिशा में फेंकना है, जिस दिशा में शत्रु है। ऐसा करने से उस दिशा से संबन्धित शत्रु दोष व अग्नि दोष दूर हो जाएगा।
- किसी भी असाध्य बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करके कुशा पर फूँक मारकर शरीर से स्पर्श करना चाहिए। ऐसा करने से बीमारी में शीघ्र लाभ मिलेगा।
- गायत्री मंत्रों के साथ शंखपुष्पी के पुष्प से हवन करने पर कुष्ठ व चर्म रोगों में लाभ मिलता है।
- गायत्री मंत्र जपते हुए फूलों का हवन करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
- गायत्री मंत्र जपते हुये आम्र-पत्रों (आम के पत्तों) को गाय के दूध में डुबाकर हवन करने से ज्वर (बुखार) संबंधी रोगों मे लाभ मिलता है।
- मृत्यु योग से भयभीत व्यक्ति को गुरुची के पौधो को गाय के दूध में डुबाकर गायत्री मंत्रों के साथ हवन करने से मृत्यु योग से निवारण हो जाता है।
- धन-संपदा व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पुष्प, घी, बिल्व तथा फलो से गायत्री मंत्र के साथ हवन करना चाहिए।
- इसी प्रकार लक्ष्मी प्राप्ति के लिए एक अन्य उपाय भी है, चमेली या लाल कमल तथा शाली चावल के हवन से भी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
- विपरीत ग्रह दशाओं से पीड़ित व्यक्ति को शमी, पीपल, बरगद तथा गुलर की लकड़ियों से 108 गायत्री मंत्र जाप के साथ हवन करना चाहिए, इससे ग्रह शांति हो जाती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
- बेत की लकड़ी से गायत्री मंत्र का हवन करने से विद्युत पात और आकस्मिक आपदाओं से हानि की समस्याएँ दूर होती है।
- ग्रह बाधाओं व दशाओं से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे समस्त ग्रह शांत हो जाते हैं।
इसके अतिरिक्त भी गायत्री मंत्र के बहुत सारे लाभ हैं, तथा इसका उच्चारण व पाठ बहुत तरीको से किया जाता है। ये गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय अत्यंत प्रसिद्ध है, जिनसे समस्त भक्तजनों की मनोकामनाएँ पूर्ण व सिद्ध हो जाती हैं।