श्रीमद भगवद गीता के सुविचार (Bhagavad Gita Quotes in Hindi)

श्रीमद भगवद्गीता हिंदुओं का पवित्रतम ग्रंथ है, इसमें भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिये है। भगवद गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिन्हे पढ़ने के लिए आपको पर्याप्त समय की आवश्यकता होगी। इसलिए कम समय में संक्षिप्त में श्रीमद भगवद गीता के सुविचार (Bhagwat Geeta Quotes in Hindi) पढ़कर इसकी महत्ता जान सकते हैं।

जब उम्मीदें टूटने लगें, कोई रास्ता ना दिखाई दे, तो एक बार भगवद गीता अवश्य पढ़ लें। ताकि भगवान आपको रास्ता दिखाएँ।
Bhagwat Geeta Quotes in Hindi (Bhagwad Geeta is a collection of speeches Lord Shri Krishna)

श्रीमद भगवद गीता के अनमोल कथन

कोई भी इंसान जन्म से नहीं, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है।

अच्छी नीयत से किया गया काम कभी व्यर्थ नहीं जाता, और उसका फल आपको अवश्य मिलता है।

बुराई बड़ी हो या छोटी हमेशा विनाश का कारण बनती है, क्योंकि नाव में छेद छोटा हो या बड़ा नाव को डुबा ही देता है।

जो होने वाला है वह होकर ही रहता है, और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होगा, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो।

Shrimad Bhagavad Gita Quotes
Bhagwat Geeta Quote by Shri Krishna

श्रीमद भगवद्गीता का अनमोल कथन- बुराई बड़ी हो या छोटी, हमेशा विनाश का कारण बनती है। क्योंकि नाव में छेद छोटा हो या बड़ा नाव को डूबा ही देता है।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi
Bhagwad Geeta Quotes Hindi Mein

श्रीमद भगवद्गीता के अनमोल कथन- ऐसे तीन मार्ग हैं जो आत्मा के पतन की ओर ले जाते हैं। ये काम, क्रोध और लोभ हैं और इनका त्याग करना ही सर्वोत्तम है। -श्रीमद भगवद गीता सुविचार

Shrimad Bhagavad Gita Quotes in Hindi
Bhagwad Geeta Quotes Hindi Mein

श्रीमद भगवद्गीता के अनमोल कथन- जिस मनुष्य ने अपनी सभी भौतिक इच्छाओं का परित्याग कर दिया हो और इंद्रिय तृप्ति की लालसा, स्वामित्व के भाव और अहंकार से रहित हो गया हो, वह पूर्ण शांति प्राप्त कर सकता है।

ऐसे तीन मार्ग हैं जो आत्मा के पतन की ओर ले जाते हैं। ये काम, क्रोध और लोभ हैं और इनका त्याग करना ही सर्वोत्तम है।

अभ्यास से हर चीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है।

सच्चा धर्म यह है, कि जिन बातों को इंसान अपने लिए अच्छा नहीं समझता है, उन्हे दूसरों के लिए भी इस्तेमाल ना करें।

ज्यादा खुश होने पर और ज्यादा दुखी होने पर निर्णय नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह दोनों परिस्थितियां आपको सही निर्यय नहीं लेने देती हैं।

कोई भी इंसान अपने विश्वास से बनता है, वह जैसा विश्वास करता है, उसी के अनुसार बन जाता है।

जब हमारा मन कमजोर होता हैं, तब परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं और जब हमारा मन कठोर होता है तब परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं। जब हमारा मन मजबूत होता हैं, तब परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं।

लगातार कोशिश करने से अशांत मन को भी वश में किया जा सकता हैं।

जिस तरह आग सोने को परखती है उसी तरह मुसीबत एक बहादुर इंसान को।

जो मनुष्य फल की इच्छा का त्याग करके केवल कर्म पर ध्यान देता है, वह अवश्य ही जीवन में सफल होता है।

परिवर्तन संसार का नियम है, समय के साथ संसार मे हर चीज परिवर्तन के नियम का पालन करती है।

इंसान हमेशा अपने भाग्य को कोसता है यह जानते हुए भी कि भाग्य से भी ऊंचा उसका कर्म है, जो उसके स्वयं के हाथों में है।

श्रीमद भगवद गीता के सुविचार
Bhagwad Geeta Hindi Quotes HD Image

श्रीमद भगवद्गीता के अनमोल विचार - जब जब धरती पर धर्म का पतन और अधर्म में वृद्धि होती है, तब उस समय मैं पृथ्वी पर अवतार लेता हूँ।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi
Bhagwad Geeta Suvichar Hindi Mein

श्रीमद भगवद्गीता के अनमोल कथन- कर्म करो, फल की चिंता मत करो।

Bhagavad Gita Hindi Quotes
Bhagwad Geeta Hindi Quotes

श्रीमद भगवद्गीता के अनमोल कथन- आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत तथा पुरातन हैं। शरीर के मारे जाने पर वह मारी नहीं जाती।

जिस मनुष्य ने अपनी सभी भौतिक इच्छाओं का परित्याग कर दिया हो और इंद्रिय तृप्ति की लालसा, स्वामित्व के भाव और अहंकार से रहित हो गया हो, वह पूर्ण शांति प्राप्त कर सकता है।

आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत तथा पुरातन हैं। शरीर के मारे जाने पर वह मारी नहीं जाती।

मनुष्य को अपने कर्मों के संभावित परिणामों से प्राप्त होने वाली विजय या पराजय, लाभ या हानि, प्रसन्नता या दुःख इत्यादि के बारे में सोच कर चिंता से ग्रसित नहीं होना चाहिए।

कर्म करो, फल की चिंता मत करो।

अपने आपको भगवान के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है, जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है, वह डर, चिंता और दुखो से आजाद रहता है।

जब जब धरती पर धर्म का पतन और अधर्म में वृद्धि होती है, तब उस समय मैं पृथ्वी पर अवतार लेता हूँ।

वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है और इसमें कोई शंशय नही है।

अभिमान नहीं होना चाहिए की मुझे किसी की जरुरत नहीं पड़ेगी और यह वहम भी नहीं होना चाहिए की सब को मेरी जरुरत पड़ेगी। 

मदद सबकी करो मगर आशा किसी से मत रखो, क्योंकि सेवा का सही मूल्य ईश्वर ही दे सकते हैं।

जितना हो सके खामोश रहना ही अच्छा हैं, क्योंकि सबसे ज्यादा गुनाह इंसान से उसकी जुबान ही करवाती हैं।

जो बीत गया उस पर दुःख क्यों करना, जो है उस पर अहंकार क्यों करना, और जो आने वाला है उसका मोह क्यों करना।

नकारात्मक विचारों का आना तय है लेकिन यह आप पर निर्भर करता हैं, की आप उन्हें महत्व देते हैं या फिर अपने सकारात्मक विचारों पर ही ध्यान लगाए रहते हैं।

जो आपका है वो आपको मिलकर ही रहेंगा, फिर चाहे उसे छीनने के लिए पूरी कायनात एक हो जाए।

प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत आपके अपने विचार है, इसलिए बड़ा सोचे और खुद को जितने के लिए हमेशा प्रेरित करें।

अगर आप अपनी गलतियों से कुछ सीखते हो, तो गलतियां सीढ़ियाँ बनती हैं और अगर नहीं सीखते हैं, तो गलतियां सागर हैं, फैसला आपका है चढ़ना है या डूबना है।

इस दुनिया में कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है इसलिए लोगों की अच्छाइयों को देखकर उनके साथ अच्छे रिश्ते बनाए।

मानव कल्याण ही भगवद गीता का प्रमुख उद्देश्य है, इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय, मानव कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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