गायत्री शाप विमोचन मंत्र और विधि | Gayatri Shap Vimochan Mantra
हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र की महत्ता व शक्ति के बारे में सभी को ज्ञात है, परंतु इसका लाभ केवल विधि-विधान से जाप करने वाले व्यक्ति को ही प्राप्त होता है। इसलिए इस मंत्र का पाठ करने से पूर्व शाप विमोचन किया जाता है।
गायत्री शाप विमोचन मंत्र और विधि
मंत्र जाप से पूर्व आसान पर बैठकर निम्नतः शाप विमोचन करना चाहिए।
ब्रह्मा शापविमोचन विधि
ॐ अस्य श्री ब्रह्मशापविमोचनमंत्रस्य ब्रह्माऋषिर्भुक्तिमुक्तिप्रदा ब्रह्मशापविमोचनी गायत्रीशक्तिर्देवता गायत्रीछन्दः ब्रह्मशापविमोचने विनियोगः।
विनियोग के पश्चात ब्रह्मा जी को नमस्कार करें और ब्रह्मा गायत्री मंत्र पढ़ें।
गायत्री ब्रह्मेत्युपासीत यद्रूपं ब्रह्मविदो विदुः।
तां पश्यन्ति धीराः सुमनसो वाचमग्रतः॥
ब्रह्मगायत्री मंत्र
ॐ वेदांतनाथाय विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात॥
ये मंत्र बोलने के बाद फिर ब्रह्माजी को प्रार्थना करनी है की वो इस मन्त्र को शाप विमुक्त करे।
ॐ देवी गायत्रीत्वं ब्रह्मशापाद्विमुक्ता भव॥
वसिष्ठ शापविमोचन विधि
ॐ अस्य श्री वसिष्ठशापविमोचनमंत्रस्य निग्रहानुग्रहकर्ता वसिष्ठऋषिर्वशिष्टानु गृहीता गायत्री शक्तिर्देवता विश्वोद्भवा गायत्री छन्दः वसिष्ठशाप विमोचनार्थं जपे विनियोगः।
विनियोग के बाद निम्न मंत्र को पढ़ें-
ॐ सोऽहंअर्कमयं ज्योतिरात्मज्योतिरहं शिवः।
आत्मज्योतिरहं शुक्रः सर्वज्योतिरसोस्म्यहं॥
इस मंत्र को बोलकर फिर योनिमुद्रा दिखाए। तीन बार गायत्री मंत्र जपे, फिर वशिष्ठ जी से इस मंत्र को शाप से विमुक्त करने के लिए प्रार्थना करे।
ॐ देवी गायत्री त्वं। वसिष्ठशापाद्विमुक्ता भव॥
विश्वामित्र शापविमोचन विधि
ॐ अस्य श्री विश्वमित्राशापविमोचनमंत्रस्य नूतनसृष्टिकर्ता विश्वामित्रऋषिर्विश्वामित्रानुगृहिता गायत्री शक्तिर्देवता वाग्देहा गायत्री छन्दः विश्वामित्रशापविमोचनार्थं जपे विनियोगः।
ॐ गायत्रीं भजाम्यग्नीमुखीं विश्वगर्भां समुद्भवाः।
देवाश्चक्रिरे विश्वसृष्टिं तां कल्याणीमिष्टकरीं प्रपद्ये॥
फिर विश्वामित्र को शाप मुक्ति के लिए प्रार्थना करे।
ॐ देवि गायत्री त्वं विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव॥
शुक्र शापविमोचन विधि
ॐ अस्य श्री शुक्रशापविमोचन मंत्रस्य श्री शुक्र ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः देवी गायत्री देवता शुक्रशापविमोचनार्थे जपे विनियोगः।
सोऽहंअर्कमयं ज्योतिरर्क ज्योतिरहंशिवः।
आत्मज्योतिरहं शुक्रः सर्वज्योतिरसोस्म्यहं॥
शापविमुक्ति के लिये प्रार्थना करे।
ॐ देवी गायत्री त्वं शुक्रशापाद्विमुक्ता भव॥
फिर गायत्री मंत्र की सभी शक्तियों की प्रार्थना करे।
ॐ अहो देवि महादेवि संध्ये विद्ये सरस्वति।
अजरे अमरे चैव ब्रह्मयोनिर्नमोस्तु ते॥
प्रार्थना करने के बाद फिर से निम्न मंत्र बोलकर शापविमुक्ति के लिये विनती करे।
ॐ देवी गायत्री त्वं ब्रह्मशापाद्विमुक्ता भव, वसिष्ठशापाद्विमुक्ताभव, विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव। शुक्रशापाद्विमुक्ता भव।
इस प्रकार गायत्री शाप विमोचन मंत्र से गायत्री मंत्र शाप मुक्त हो जाता है, और जाप करने वाले व्यक्ति को उसके उपयुक्त लाभ मिलते है। प्रायः गायत्री मंत्र साधक के लिए यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण विधि है। नियमित रूप से इस मंत्र को गायत्री मंत्र जाप से पूर्व अवश्य करना चाहिए।
गायत्री मंत्र शापित क्यों है? ▼
गायत्री मंत्र अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, विश्वामित्र, शुक्र, ब्रह्मा व वसिष्ठ इत्यादि अन्य कई ऋषियों ने इस मंत्र को सिद्ध करके अपने मनोरथ सिद्ध किए थे।
इन ऋषि मुनियों ने गायत्री मंत्र की महत्ता को जानकार शापित कर दिया था, क्योंकि जितना ही इस मंत्र की सहायता से सज्जन व्यक्ति अच्छाई के लिए प्रयोग कर सकता है, उसी तरह दानव और क्रूर व्यक्ति इसकी सिद्धि से विनाश और बुराई को बढ़ावा देगा।
इसीलिए ब्रह्मा, वसिष्ठ, विश्वामित्र और शुक्र ने गायत्री मंत्र को शापित कर दिया था। इसीलिए गायत्री शाप विमोचन मंत्र और विधि के पश्चात ही इस मंत्र का लाभ जाप करने वाले व्यक्ति को मिलता है।