श्री दुर्गा चालीसा: नमो नमो दुर्गे सुख करनी (Durga Chalisa- Namo Namo Durge Sukh Karni)
Shri Durga Chalisa Lyrics in Hindi: दुर्गा पूजा, चैत्र नवरात्रि, श्रावणी नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, दुर्गाष्टमी, महासप्तमी, महानवमी, एवं कन्यापूजन में माँ दुर्गा की पूजा में श्री दुर्गा चालीसा का पाठ अवश्य ही किया जाता है। जिससे माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
श्री दुर्गा चालीसा
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूँ लोक फैली उजियारी॥२॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटी बिकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥४॥
तुम संसार शक्ति लय कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा तुम जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥६॥
प्रलयकाल सब नाशनहारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुन गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥८॥
रूप सरस्वती का तुम धारा।
दे सुबुधि ऋषि-मुनिन उबारा॥
धर्यो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भईं फाड़ कर खम्बा॥१०॥
रक्षा करि प्रहलाद बचायो।
हिरनाकुश को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग जानी।
श्री नारायण अंग समानी॥१२॥
क्षीरसिन्धु में करत बिलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥१४॥
मातंगी धूमावति माता।
भुवनेश्वरि बगला सुखदाता॥
श्री भैरव तारा जग-तारिणि।
छिन्न-भाल भव-दुःख निवारिणि॥१६॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर-खड्ग बिराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥१८॥
सोहै अस्त्र विविध त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं बिराजत।
तिहूँ लोक में डंका बाजत॥२०॥
शुम्भ निशुम्भ दैत्य तुम मारे।
रक्तबीज-संखन संहारे॥
महिषासुर दानव अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥२२॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तेहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब-जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥२४॥
अमर पुरी अरू बासव लोका।
तव महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥२६॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावै।
दुख-दारिद्र निकट नहिं आवै॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ता कौ छुटि जाई॥२८॥
योगी सुर-मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम-क्रोध जीति तिन लीनो॥३०॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
अति श्रद्धा नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप को मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥३२॥
शरणागत ह्वै कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥३४॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरे दुख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावैं।
मोह-मदादिक सब बिनसावैं॥३६॥
शत्रु नाश कीजै महरानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करहु कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला॥३८॥
जब लग जिओं दया फल पावौं।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनावौं॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥४०॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ दोहा ॥
शरणागत रक्षा करे, भक्त रहे निःशंक।
मैं आया तेरी शरण में, मातु लीजिये अंक॥
दुर्गा चालीसा इमेज
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Durga Chalisa Lyrics : नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥२॥