मेरे राम की सवारी हो -भजन (Mere Ram Ki Sawari Ho)

हे उतर रही हे उतर रही,
मेरे राम की सवारी हो,
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो।
हे उतर रही हे उतर रही,
मेरे राम की सवारी हो,
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो॥

सोने की नगरी रत्नों की धरती,
चमक न्यारी हो।
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो॥

एक ही नाम का,
एक ही काम का,
चहूं ओर घन घोर,
जय घोष श्री राम का,
बदल रहा युग बदल रहा हेरी,
बदल रहा युग बदल रहा,
देवों ने आरती उतारी हो॥

स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो।
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो॥

हमरे भी द्वारे,
तुम्हरे भी द्वारे,
आंगन आंगन घर घर,
राम जी पधारे॥

झूमे नभ जल थल,
तीनों लोकों में हल चल,
मच रही भारी हो,
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो॥

हे उतर रही हे उतर रही,
मेरे राम की सवारी हो।
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो॥

सोने की नगरी रत्नों की धरती,
चमक न्यारी हो।
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो॥

स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो।
स्वागत करता स्वयं मेरे,
भोले भंडारी हो,
भोले भंडारी हो॥

Mere Ram Ki Sawari Ho
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