शेरावाली के रूप अनेक, जगत को प्यारी लगे -भजन (Sherawali Ke Roop Anek, Jagat Ko Pyari Lage)
जयकारा माँ शेरवाली का,
बोल साँचे दरबार की... जय हो।
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे,
प्यारी लगे मईया दिल में
बसे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।
जब मैया दुर्गा बन आयी,
दुर्गा बन आयी माँ दुर्गा बन आयी,
उसकी
सेवा में हनुमत खड़े,
जगत को प्यारी लगे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।
जब मैया काली बन आयी,
काली बन आयी माँ,
काली बन आयी,
और
राक्षस मारे अनेक,
जगत को प्यारी लगे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।
जब मैया ज्वाला बन आयी,
ज्वाला बन आयी माँ,
ज्वाला बन आयी,
देखो
घर घर में ज्योत जले,
जगत को प्यारी लगे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।
जब मैया गौरा बन आयी,
गौरा बन आयी माँ,
गौरा बन आयी,
भोले
के खुल गए नेत्र,
जगत को प्यारी लगे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।
जब मैया गौमाता बन आयी,
गौमाता बन आयी माँ,
गौमाता बन आयी,
सेवा
करें सब देव,
जगत को प्यारी लगे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।
जब मैया तुलसा बन आयी,
तुलसा बन आयी माँ,
तुलसा बन आयी,
देखो
घर-घर में दीप जले,
जगत को प्यारी लगे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।
जब मैया कल्याणी बन आयी,
कल्याणी बन आयी माँ,
कल्याणी बन
आयी,
भक्तों के कलेश कटे,
जगत को प्यारी लगे,
शेरावाली के रूप अनेक,
जगत को प्यारी लगे।