तूने पानी में ज्योत जगाई रे -भजन (Tune Pani Mein Jyot Jagayi Re)
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे।
तूने राजा दक्ष के जनम लिया,
शिव शंकर के संग ब्याह किया।
तू तो
पार्वती कहलाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे॥
तेरे पिता ने यज्ञ रचाया था,
और तुमको नही बुलाया था।
तू तो
बिना बुलाये चली आयी रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे॥
सब देवो का आव्हान हुआ,
शिवशंकर का अपमान हुआ।
तू हवन कुंड में
समायी रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे॥
शिव शंकर का जब क्रोध बढ़ा,
भोलेबाबा का जब क्रोध बढ़ा।
कांधे पे
सती उठाई रे तेरी,
जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे॥
मैया जहाँ तुम्हारे अंग पड़े,
मैया वहा वहाँ तेरे मंदिर बने।
तू
तो शक्ति पीठ कहलाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे॥
मैया जहा तुम्हारी जीभ गिरी,
मैया जहा तुम्हारी जीभ गिरी।
तू तो
माँ ज्वाला कहलाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे॥
मैया जहा तुम्हारे नैन गिरे,
मैया जहा तुम्हारे नैन गिरे।
तू तो
माँ नैना कहलाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे॥