बड़ा मंगल (Bada Mangal)

Bada Mangal Date, Budha Mangal, बड़ा मंगलवार

Fourth Bada Mangal Date: Tuesday, 18 June 2024

ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों (अवध क्षेत्र) में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे बूढ़ा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ महीने में मंगलवार के दिन ही पहली बार भगवान श्री राम की हनुमान जी से भेंट हुई थी। 

इस दिन भक्तजन हनुमान जी के मंदिरों में जाकर बजरंगबली की पूजा आराधना करते है, साथ ही हनुमान चालीसा पाठ, सुन्दरकाण्ड पाठ करते है। कुछ भक्त हनुमान जी को चोला भी चढ़ाते हैं। इसके अतिरिक्त मंदिरों व अन्य जगहों पर भण्डारे का आयोजन भी हनुमान जी के भक्तों के द्वारा किया जाता है। यह आयोजन मंदिरों के पास, चौराहों व अन्य जगहों पर पंडाल लगाकर लस्सी, ठंडाई, बूंदी, भोजन व अन्य प्रसाद वितरण के रूप में किया जाता है।

बड़ा मंगल विशेष रूप से लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, वाराणसी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ व प्रयागराज जिलों में मनाया जाता है।

संबंधित अन्य नाम बूढ़ा मंगल, बड़ा मंगलवार, बुढ़वा मंगल
तिथि ज्येष्ठ मास का प्रत्येक मंगलवार
कारण श्री हनुमान जी की श्रीराम से प्रथम भेंट
उत्सव विधि भंडारा, व्रत, श्री हनुमंत लाल पर सिंदूर चढ़ाएँ, पूजा-आराधना, भजन / कीर्तन
बड़ा मंगल 2024 कब है? - Bada Mangal 2024 Kab Hai?
Bada Mangal 2024: ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को बड़े मंगल के रूप में मनाया जाता है, पहला बड़ा मंगल- 28 मई, 2024 को, दूसरा बड़ा मंगल- 4 जून, 2024 को, तीसरा बड़ा मंगल- 11 जून तथा चौथा बड़ा मंगल 18 जून 2024 को है।
बड़ा मंगल क्यों मनाया जाता है?
बड़े मंगल को मनाने के पीछे मान्यता है कि ज्येष्ठ मास के मंगलवार के दिन ही भगवान प्रभु श्री राम जी की प्रथम भेंट (पहली मुलाकात) हनुमान जी से हुई थी। इसी कारण हनुमान जी के भक्तजन जेठ(ज्येष्ठ) महीने के प्रत्येक मंगलवार को बड़े मंगल के रूप में मनाते हैं।
बड़े मंगल पर भंडारे कैसे शुरू हुये?

बड़े मंगल पर भंडारे के आयोजन शुरुआत सर्वप्रथम लखनऊ से मानी जाती है। इसके पीछे कई मान्यताएँ हैं।

पहली मान्यता
हनुमानगढ़ी (अयोध्या) के महंत रामदास के अनुसार - लखनऊ के नवाब मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत बहुत खराब थी, बहुत कोशिशों के बाद भी उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इस पर पंडितों की सलाह पर बेगम मंगलवार के दिन लखनऊ के अलीगंज में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर पर दुआ मांगने के लिए गईं थीं। कुछ समय बाद ही उनके बेटे की तबीयत सही हो गई। इस घटना के पश्चात नवाब ने खुश होकर उस प्राचीन मंदिर की मरम्मत कारवाई, जिसका कार्य जेठ (ज्येष्ठ) महीने में पूर्ण हुआ था। इसके बाद पूरे लखनऊ में गुड़ और प्रसाद बांटा गया था। तभी से बड़े मंगल पर भंडारों की शुरुआत हुई।

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