श्री राम स्तुति मराठी: संसारसंगे बहु शीणलों मी (Sansar Sange Bahu Shinalo)

Sansar Sange Bahu Shinalo Lyrics, श्री राम स्तुति मराठी, संसारसंगे बहु शीणलों मी

श्री राम स्तुति (मराठी)

संसारसंगे बहु शीणलों मी।
कृपा करी रे रघुराजस्वामी ।
प्रारब्ध माझे सहसा टळेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥१॥

मन हे विकारी स्थिरतान ये रे।
त्याचेनि संगे भ्रमतें भले रें।
अपूर्व कार्या मन हे विटेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥२॥

मायाप्रपंचीं बहु गुंतलों रे।
विशाळ व्याधीमधें बांधलो रे।
देहाभिमानें अति राहवेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥३॥

दारिद्र्यदुःखे बहु कष्टलो मी।
संसारमायेतचि गुंतलो मी।
संचित माझे मजला कळेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥४॥

लक्ष्मीविलासी बहु सौख्य वाटे।
श्रीराम ध्यातां मनि कष्ट मोठे।
प्रपंचवार्ता वदता विटेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥५॥

अहोरात्र धंदा करितां पुरेना।
प्रारब्धयोगें मज राहवेना।
भवदुःख माझें कधिही टळेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥६॥

तीर्थासि जातां बहु दुःख वाटे।
विषयांतरी राहुनी सौख्य वाटे।
स्वहीत माझें मजला कळेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥७॥

मी कोठुनि कोण आलो कसा हो।
स्त्रीपुत्रस्वप्नातचि गुंतलो हो।
ऐसें कळोनी मन हे विटेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥८॥

असत्य वाक्यांनि मुकाच झालो।
अदत्तदोषें दुःखी बुडालो।
अपूर्व करणी कशी आठवेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥९॥

अब्रह्ममूर्ती भज रामसिंधू।
चैत्यन्यस्वामी निजदीनबंधू।
अभ्यंतरी प्रेम मनीं ठसेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥१०॥

विश्रांति देहीं अणुमात्र नाहीं।
कुळाभिमानें पडलों प्रवाहीं।
अशांतुनी दूर कधी कळेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥११॥

विषयीं जनांनी मज आळवीले।
प्रपंचपाशांतचि बूडविले।
स्वहीत माझें मजला दिसेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥१२॥

नरदेहदोषां वर्णू किती रे।
उच्चर माझें मनि वाटती रे।
ललाटरेषा कधि पालटेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥१३॥

मजला अनाथ प्रभु तूंचि दाता।
मी मूढ की जाण असेंचि आतां।
दासा मनीं आठव वीरसेना।
तुजवीण रामा मज कंठवेना ॥१४॥ 

संसारसंगे बहु शीणलों मी अन्य विडियो

Vasudev Shashwat Abhiyan
Shubhankar Kulkarni
Next Post Previous Post
Comments 💬