किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए -भजन (Kishori Kuch Aisa Intzam Ho Jaaye)
"राधा साध्यम साधनं यस्य राधा,
मन्त्रो राधा मन्त्र दात्री च: राधा।
सर्वं राधा जीवनम् यस्य राधा,
राधा राधा वाचिकिम तस्य शेषम्॥"
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
हो किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए,
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
हो इंतजाम हो जाए, इंतजाम हो जाए।
हो राधा नाम हो जाए, राधा नाम हो जाए॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए॥
राधे, राधे, राधे, राधे, राधे...
जब गिरते हुए मैंने तेरे नाम लिया है।
जब गिरते हुए मैंने तेरे नाम लिया है।
तो गिरने ना दिया तूने, मुझे थाम लिया है॥
गिरने ना दिया तूने, मुझे थाम लिया है॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए...
श्री राधे श्री राधे, राधे राधे श्री राधे।
श्री राधे श्री राधे, राधे राधे श्री राधे।
तुम अपने भक्तों पे कृपा करती हो, श्री राधे।
उनको अपने चरणों में जगह देती हो, श्री राधे।
मांगने वाले खाली ना लौटे,
कितनी मिली खैरात ना पूछो ।
उनकी कृपा तो उनकी कृपा है,
उनकी कृपा की बात ना पूछो ॥
तुम अपने भक्तों पे कृपा करती हो, श्री राधे।
उनको अपने चरणों में जगह देती हो, श्री राधे।
तुम अपने भक्तों पे कृपा करती हो, श्री राधे।
उनको अपने चरणों में जगह देती हो, श्री राधे।
तुम्हारे चरणों में मेरा मुकाम हो जाए,
हो तुम्हारे चरणों में मेरा मुकाम हो जाए॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए।
हो जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए॥
हो किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए...
श्री राधे श्री राधे, राधे राधे श्री राधे।
श्री राधे श्री राधे, राधे राधे श्री राधे।
ब्रज की रज में लोट कर,
यमुना जल कर पान।
श्री राधा राधा रटते,
या तन सों निकले प्राण॥
अगर तुम ना करोगी तो कृपा कौन करेगा ।
अगर तुम ना सुनोगी तो मेरी कौन सुनेगा ॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए..॥
डोलत फिरत मुख बोलत मैं राधे राधे,
और जग जालन के ख्यालन से हट रे ।
जागत, सोवत, पग जोवत में राधे राधे,
रट राधे राधे त्याग उरते कपट रे ॥
लाल बलबीर धर धीर रट राधे राधे,
हरे कोटि बाधे रट राधे झटपट रे ।
ऐ रे मन मेरे तू छोड़ के झमेले सब,
रट राधे रट राधे राधे रट रे ॥
श्री राधे इतनी कृपा तुम्हारी हम पे हो जाए ।
किसी का नाम लूँ जुबा पे तुम्हारा नाम आये ॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए..॥
वो दिन भी आये तेरे वृन्दावन आयें हम,
तुम्हारे चरणों में अपने सर को झुकाएं हम ।
ब्रज गलिओं में झूमे नाचे गायें हम,
मेरी सारी उम्र वृन्दावन में तमाम हो जाए ॥
वृन्दावन के वृक्ष को,
मर्म ना जाने कोई ।
डार डार और पात पात में,
श्री श्री राधे राधे होए ॥
अरमान मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देती,
सरकार वृन्दावन में बुला क्यूँ नहीं लेती ।
दीदार भी होता रहे हर वक्त बार बार,
चरणों में अपने हमको बिठा क्यूँ नहीं लेती ॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए..॥
श्री वृन्दावन वास मिले,
अब यही हमारी आशा है ।
यमुना तट छाव कुंजन की,
जहाँ रसिकों का वासा है ॥
सेवा कुञ्ज मनोहर निधि वन,
जहाँ इक रस बारो मासा है ।
ललित किशोर अब यह दिल बस,
उस युगल रूप का प्यासा है ॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा, राधा नाम हो जाए॥