स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल विचार व कथन (Swami Vivekananda Quotes)

Swami Vivekananda Quotes and Thoughts in Hindi

स्वामी विवेकानंद जी बचपन से ही अत्यंत कुशाग्र बुद्धि वाले एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। स्वामी जी भारत के प्रसिद्ध महापुरुषों में से एक थे, इन्हें एक आध्यात्मिक गुरु, दार्शनिक और विचारक के रूप में भी जाना जाता है। स्वामी जी के विचार इतने अनमोल थे, जिससे उनकी ख्याति पूरे विश्व पटल पर थी। शिकागो धर्म सम्मेलन में उन्होने भारत के गौरव को सम्पूर्ण विश्व में फैलाया था। चलिये उनके अनमोल कथन और विचारों के बारे में जानते हैं।

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार

जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।

किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या न आए, तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

जो कुछ भी तुम्हें कमजोर बनाता है- शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक, उसे जहर की तरह त्याग दो।

जब तक जीना, तब तक सीखना। अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।

यह कभी मत कहो कि 'मैं नहीं कर सकता', क्योंकि आप अनंत हैं।

जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी

उठो, जागो और तब तक न रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।

एक समय में एक काम करो, ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकि सबकुछ भूल जाओ

संगति आप को ऊंचा उठा भी सकती है और यह आपको ऊंचाई से गिरा भी सकती है, इसलिए संगति अच्छे लोगों से करें।

लोग तुम्हारी स्तुति करें या निंदा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांच आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।

वसुधैव कुटुंबकम।

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं।

ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं।

दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।

किसी की निंदा ना करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं।

Motivational Swami Vivekananda Quotes in Hindi
HD images of Motivational Swami Vivekananda Quotes in Hindi

जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है।

स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल सुविचार
Download HD Image of Swami Vivekananda Suvichar in Hindi

मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं। - स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल कथन
Swami Vivekananda Quotes in Hindi

पीड़ितों की सेवा के लिए आवश्यकता पड़ने पर हम अपने मठ की भूमि तक भी बेच देंगे। हजारों असहाय नर नारी हमारे नेत्रों के सामने कष्ट भोगते रहें और हम मठ में रहें, यह असम्भव है। हम सन्यासी हैं,वृक्षों के नीचे निवास करेंगे और भिक्षा मांगकर जीवित रह लेंगे। - स्वामी विवेकानंद

सच को कहने के हजारों तरीके हो सकते हैं और फिर भी सच तो वही रहता है।

अगर स्वाद की इंद्रिय को ढील दी, तो सभी इन्द्रियाँ बेलगाम दौड़ेगी।

किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

धर्म कल्पना की चीज नहीं है, प्रत्यक्ष दर्शन की चीज है। जिसने एक भी महान आत्मा के दर्शन कर लिए वह अनेक पुस्तकीय पंडितों से बढ़कर है।

मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं। जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।

जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमें बसता है।

बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप हैं।

खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं।

यही दुनिया है; यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे, किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दो, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचाएंगे। मेरे जैसे भावुक व्यक्ति अपने सगे – स्नेहियों द्वारा ठगे जाते हैं।

सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है- वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता। पूर्ण रूप से निःस्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल हैं।

एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो।

धर्म ही हमारे राष्ट्र की जीवन शक्ति है। यह शक्ति जब तक सुरक्षित है, तब तक विश्व की कोई भी शक्ति हमारे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकती।

यह देश धर्म, दर्शन और प्रेम की जन्मभूमि है। ये सब चीजें अभी भी भारत में विद्यमान है। मुझे इस दुनिया की जो जानकारी है, उसके बल पर दृढतापूर्वक कह सकता हूं कि इन बातों में भारत अन्य देशों की अपेक्षा अब भी श्रेष्ठ है।

विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।

शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।

जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं।

चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो।

उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो। तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो। तुम तत्व नहीं हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।

यह मत भूलो कि बुरे विचार और बुरे कार्य तुम्हें पतन की और ले जाते हैं। इसी तरह अच्छे कर्म व अच्छे विचार लाखों देवदूतों की तरह अनंतकाल तक तुम्हारी रक्षा के लिए तत्पर हैं।

संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाना।

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।

स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक विचार
Swami Vivekananda Motivational and Inspirational Quotes in Hindi

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो; वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही हैं। - स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक कथन
Motivational Swami Vivekananda Quotes in Hindi HD image Download

किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हम हाथ बढ़ा सकते हैं, तो जरूर बढ़ाएँ। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िए, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये। - स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद जी के शिक्षा पर विचार
Swami Vivekananda Quotes on Education in Hindi HD image Download

हमे ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके। - स्वामी विवेकानंद

जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।

अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका हैं।

प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है। इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है। वह जो प्रेम करता है जीता है। वह जो स्वार्थी है मर रहा है। इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है। वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो।

क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढता पूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा।

हम जो बोते हैं वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो; वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही हैं।

यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।

किसी चीज से डरो मत। तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।

हर काम को तीन अवस्थाओं से गुज़रना होता है – उपहास, विरोध और स्वीकृति।

अभय हो! अपने अस्तित्व के कारक तत्व को समझो, उस पर विश्वास करो। भारत की चेतना उंसकी संस्कृति है। अभय होकर इस संस्कृति का प्रचार करो।

यदि संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता। हमें हर प्रकार की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करना चाहिए। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है।

दिन-रात अपने मस्तिष्क को, उच्चकोटि के विचारो से भरो। जो फल प्राप्त होगा वह निश्चित ही अनोखा होगा।

यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकड़ है तो जहर उगलने वाला भी आपका कुछ नही बिगाड़ सकता।

कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।

अनेक देशों में भ्रमण करने के पश्चात् मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि संगठन के बिना संसार में कोई भी महान एवं स्थाई कार्य नहीं किया जा सकता।

पीड़ितों की सेवा के लिए आवश्यकता पड़ने पर हम अपने मठ की भूमि तक भी बेच देंगे। हजारों असहाय नर नारी हमारे नेत्रों के सामने कष्ट भोगते रहें और हम मठ में रहें, यह असम्भव है। हम सन्यासी हैं,वृक्षों के नीचे निवास करेंगे और भिक्षा मांगकर जीवित रह लेंगे।

इच्छा का समुद्र हमेशा अतृप्त रहता है। उसकी माँगे ज्यों-ज्यों पूरी की जाती है, त्यों-त्यों और गर्जन करता है।

भय और अपूर्ण वासना ही समस्त दुःखों का मूल है।

Inspirational Quotes of Swami Vivekananda in Hindi
Inspirational Swami Vivekananda Quotes in Hindi HD image Download

यह कभी मत कहो कि "मैं नहीं कर सकता" क्योंकि आप अनंत है! - स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानन्द के प्रेरणादायक विचार हिन्दी में
Swami Vivekananda Inspirational Quotes in Hindi HD image

जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे। - स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानन्द का मूल मंत्र कथन
Best Slogan of Swami Vivekananda in Hindi HD image

उठो, जागो और तब तक न रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। - स्वामी विवेकानंद

मनुष्य जितना अपने अंदर से करुणा, दयालुता और प्रेम से भरा होगा, वह संसार को भी उसी तरह पायेगा।

अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।

इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है।

जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।

Swami Vivekananda Quotes on Education

धर्म कल्पना की चीज नहीं है, प्रत्यक्ष दर्शन की चीज है। जिसने एक भी महान आत्मा के दर्शन कर लिए वह अनेक पुस्तकी पंडितों से बढ़कर है।

हमे ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।

ज्ञान का प्रकाश सभी अंधेरों को खत्म कर देता है।

शिक्षा क्या है ? क्या वह पुस्तक-विद्या है ? नहीं। क्या वह नाना प्रकार का ज्ञान है ? नहीं, यह भी नहीं। जिस संयम के द्वारा इच्छाशक्ति का प्रवाह और विकास वश में लाया जाता है और वह फलदायक होता है, वह शिक्षा कहलाती है।

शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो सब मनुष्यों में पहले से विद्यमान है।

तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं।

मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं।

Next Post Previous Post