सबका स्वामी चल दिया सबसे नाता तोड़ - भजन (Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod)

Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod

भगवान श्री राम, माँ सीता और अनुज लक्ष्मण के वनवास जाने के बाद। चक्रवर्ती राजा दशरथ के पुत्र वियोग के दुख से प्राण त्याग देते हैं। रामानन्द सागर कृत रामायण में यह भजन रवीन्द्र जैन द्वारा गाया गया है।

Sabka Swami Chal Diya Sabse Nata Tod

चक्रवर्ती पद संपदा गौरव गाथा छोड़।
सबका स्वामी चल दिया सबसे नाता तोड़॥

आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे, हो... ओ...
जिया बिन देह ज्योति बिन दिवरा, माटी ही कहलावे। हो... ओ...

जिन देह का जर्जर पिंजरा पंछी को नहीं भावे, हो... ओ...
जिस पिंजरे को छोड़े उसमे लौटी बहुरि न आवे। हो... ओ...

आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे, हो... ओ...
आत्म पंछी बिन तन पिंजरा कोई मोल न पावे। हो... ओ...

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