आरती करो शंकर की - आरती (Aarti Karo Shankar Ki)

Aarti Karo Shankar Ki Karo

आरती करो हरिहर की करो,
नटवर की, भोले शंकर की,
आरती करो शंकर की॥

सिर पर शशि का मुकुट संवारे,
तारों की पायल झनकारे।
धरती अम्बर डोले तांडव,
लीला से नटवर की॥

आरती करो शंकर की...॥

आरती करो हरिहर की करो,
नटवर की, भोले शंकर की,
आरती करो शंकर की॥

फणि का हार पहनने वाले,
शम्भू है जग के रखवाले।
सकल चराचर अगजग नाचे,
ऊँगली पर विषधर की॥

आरती करो शंकर की...॥

आरती करो हरिहर की करो,
नटवर की, भोले शंकर की,
आरती करो शंकर की॥

महादेव जय जय शिवशंकर,
जय गंगाधर जय डमरूधर।
हे देवो के देव मिटाओ,
तुम विपदा घर घर की॥

आरती करो शंकर की...॥

आरती करो हरिहर की करो,
नटवर की, भोले शंकर की,
आरती करो शंकर की॥

Aarti Karo Shankar  Ki Karo
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