भोजन मन्त्र - ॐ सह नाववतु (Bhojan Mantra Om Sah Naavavatu)
अन्न ग्रहण करने से पहले, विचार मन मे करना है।
किस हेतु से इस शरीर का,
रक्षण पोषण करना है॥
हे परमेश्वर एक प्रार्थना, नित्य तुम्हारे चरणों
में।
लग जाये तन मन धन मेरा, विश्व धर्म की सेवा में ॥
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं
ब्रह्मकर्म समाधिना॥
ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा
विद्विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
Bhojan Mantra Images
भोजन मंत्र - ॐ सह नाववतु इमेज हिन्दी में
भोजन मंत्र - ॐ सह नाववतु इमेज हिन्दी अर्थ सहित डाउनलोड करें
हिन्दी अर्थ
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन
गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना॥
समर्पित वस्तु ईश्वर (ब्रह्म) रूप ही है, यज्ञ में दी जाने वाली आहुति ब्रह्म ही है। अपने को ब्रह्म रूप मानकर ही हवनकर्ता हवन करता है। वह ब्रह्म को ही प्राप्त करना चाहता है। अतः ब्रह्म में निष्ठ बुद्धि द्वारा ही वह कार्य करता है।
ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा
विद्विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
हम गुरु शिष्य परस्पर मिलकर एक दूसरे की रक्षा करें, मिलकर ऐश्वर्य प्राप्त करें, सामर्थ्य को पुरुषार्थ से बढ़ाते रहें।हमारा ज्ञान तेजोमय हो। हम आपस में द्वेष ना करें। हमारे जीवन में, राष्ट्र में, विश्व में सर्वत्र शांति हो। ॐ शांति! शांति! शांति!