दुर्गा पूजा पुष्पांजलि मंत्र (Durga Puja Pushpanjali Mantra)
नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है, अष्टमी के दिन माँ महागौरी की पूजा में पुष्पांजलि मंत्र का उच्चारण करते हुये पुष्प अर्पण किए जाते हैं। अष्टमी पुष्पांजलि का बंगाल में खास महत्व है। यहां सप्तमी की रात्रि और अष्टमी की सुबह पुष्पांजलि अर्पित की जाती है।
कहीं कहीं पर नवरात्रि के सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथियों को माता की भोग आरती के बाद दुर्गा पूजा पुष्पांजली मंत्र का जाप करते हुये माता को बेल पत्र व पुष्प चढ़ाये जाते हैं।
Durga Puja Pushpanjali Mantra
प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
द्वितीय पुष्पांजली मंत्र
ॐ महिषघ्नी महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
तृतीया पुष्पांजली मंत्र
ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥१॥
सृष्टि स्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥२॥
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥३॥
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