दीप प्रज्वलन मंत्र: दीप ज्योति मंत्र - शुभं करोति कल्याणम (Deep Prajwalan Mantra: Deep Jyoti Mantra)
दीप ज्योति मंत्र
दीपज्योतिः परं ज्योतिः दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं
दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥
दीपक का प्रकाश परम प्रकाश है, जिसे दीप ज्योतिरूपी जनार्दन (भगवान विष्णु) कहते हैं। दीपक मेरे सभी पापों को दूर कर दे, दीपज्योति को मैं नमस्कार करता हूँ।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् सुखसम्पदः।
द्वेषबुद्धिविनाशाय आत्मज्योतिः
नमोऽस्तुते ॥
वह शुभ और कल्याण लाये, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि प्रदान करे। द्वेष की बुद्धि का नाश करने के लिए, आत्मा की ज्योति को मैं नमस्कार करता हूँ।
आत्मज्योतिः प्रदीप्ताय , ब्रह्मज्योतिः नमोऽस्तुते।
ब्रह्मज्योतिः
प्रदीप्ताय , गुरुज्योतिः नमोऽस्तुते॥
आत्म की ज्योति प्रकाशमान हो, ब्रह्म की ज्योति को मैं नमस्कार करता हूँ। ब्रह्म की ज्योति प्रकाशमान हो, गुरु की ज्योति को मैं नमस्कार करता हूँ।
इसके अतिरिक्त दीप प्रज्वलन मंत्र- शुभं करोति कल्याणम श्लोक का परिवर्तित रूप भी पढ़ा जाता है।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योति
नमोऽस्तुते॥
जो शुभ करता है, कल्याण करता है, आरोग्य रखता है, धन संपदा देता है और शत्रु बुद्धि का विनाश करता है, ऐसे दीप की रोशनी को मैं नमन करता हूँ॥