श्री धन्वन्तरि स्तोत्रम् (Shri Dhanvantari Stotram)

ॐ शंखं चक्रं जलौकां
दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक
परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितट-
विलसच्चारूपीतांबराढ्यम।
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिल
गदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥१॥

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय
वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भय
विनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय
श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप
श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥२॥

❀ धनतेरस पर सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति के लिए इस धन्वन्तरी स्तोत्र का पाठ अवश्य किया जाता है।

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