प्रार्थना: पूजनीय प्रभु हमारे भाव उज्ज्वल कीजिये (Pujniya Prabhu Hamare Bhav Ujjwal Kijiye)

Pujniya Prabhu Hamare Bhav Ujjwal Kijiye

Pujniya Prabhu Hamare Lyrics

पूजनीय प्रभो हमारे,
भाव उज्जवल कीजिये।
छोड़ देवें छल कपट को,
मानसिक बल दीजिये ॥१॥

वेद की बोलें ऋचाएं,
सत्य को धारण करें।
हर्ष में हो मग्न सारे,
शोक-सागर से तरें ॥२॥

अश्व्मेधादिक रचायें,
यज्ञ पर-उपकार को।
धर्मं- मर्यादा चलाकर,
लाभ दें संसार को ॥३॥

नित्य श्रद्धा-भक्ति से,
यज्ञादि हम करते रहें।
रोग-पीड़ित विश्व के,
संताप सब हरतें रहें ॥४॥

भावना मिट जाये मन से,
पाप अत्याचार की।
कामनाएं पूर्ण होवें,
यज्ञ से नर-नारि की ॥५॥

लाभकारी हो हवन,
हर जीवधारी के लिए।
वायु जल सर्वत्र हों,
शुभ गंध को धारण किये ॥६॥

स्वार्थ-भाव मिटे हमारा,
प्रेम-पथ विस्तार हो।
'इदं न मम' का सार्थक,
प्रत्येक में व्यवहार हो ॥७॥

प्रेमरस में मग्न होकर,
वंदना हम कर रहे।
'नाथ' करुणारूप! करुणा,
आपकी सब पर रहे ॥८॥

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