श्री हनुमान उपासना (Hanuman Upasana)
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हिन्दू धर्म में हनुमान एक प्रमुख देवता हैं, इन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। हनुमान जी को मुख्यतया बजरंगबली, मारुति, आञ्ज्नेय, पवनपुत्र आदि नामों से भी जाना जाता है। ये भगवान श्रीरामचन्द्र जी के अनन्य भक्त और सखा हैं, इसलिए इन्हें भक्त शिरोमणि भी कहा जाता है।
हनुमान जी सात चिरंजीवियों (चिर काल तक जीवित रहने वाले) में से एक माने जाते हैं, हनुमान जी का जन्म ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था।
हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों का दाता भी कहा जाता है, इसलिए हनुमान जी की उपासना, पूजा, आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति, स्वास्थ्य, वैभव सब कुछ बना रहता है। हनुमान जी की स्तुति से भक्तजन अपनी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण कर सकते हैं।
कथा, चालीसा, आरती ▼
स्तोत्र ▼
श्री हनुमत रक्षा स्तोत्रम
आञ्ज्नेय स्तोत्रम- नीलकृत
भीमरूपी महारुद्र स्तोत्रम
मन्त्रात्मकं श्री मारुति स्तोत्रम
श्री आञ्जनेय सहस्रनाम स्तोत्रम
श्री आञ्जनेय स्तोत्रम
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श्री घटिकाचल हनुमत्स्तोत्रम २
श्री पंचमुख हनुमत हृदयं
श्री हनुमत स्तोत्रम - विभीषण कृत
श्री हनुमत्ताण्डव स्तोत्रम
श्री आञ्जनेय द्वादशनाम स्तोत्रम
हनुमद्भुजङ्ग स्तोत्रम
आञ्जनेय नवरत्नमाला स्तोत्रम्